उगते सूरज को अर्ध्य देकर संपन्न हुआ छठ महापर्व |

आज महापर्व छठ पूजा का चौथा और अंतिम दिन है | 17 नवंबर से शुरू हुए छठ पूजा में पहले दिन नहाए खाए, दूसरे दिन खरना और तीसरे दिन यानी कल 19 नवंबर शाम का अर्ध्य पूरे देश में धूमधाम से व्रती ने दिया | खरना का प्रसाद ग्रहण करने के बाद से ही सभी व्रती का निर्जला व्रत शुरू हो जाता है, 36 घंटे तक चलता है | आज 20 नवंबर को उगते सूर्य का अर्ध्य दिया गया और इसी के साथ यह महापर्व संपन्न हुआ | यह पर्व संतान की प्राप्ति, सुख शांति के लिए किया जाता है | यह प्रकृति से जुड़ा पर्व है | ज्योतिषाचार्य के अनुसार उगते सूर्य को अर्ध्य देने के शुभ मुहूर्त में मत्रों का जाप करना चाहिए | अर्ध्य देते समय सूर्य देवता को सीधे ना देखें, बल्कि कलश से गिरते हुए जल की धारा को देखकर भगवान सूर्य को अर्ध्य देना चाहिए | नियमित रूप से जल अर्पित करने से सूर्य दोष भी दूर होगा | सभी व्रती पूजा की सामग्री के साथ नदी, तालाब किनारे पहुंचते हैं | पानी में खड़े होकर सूप और जल से भरा कलश लेकर उगते हुए सूर्य देव को अर्ध्य दिया जाता है | इसके बाद सूर्य नमस्कार करते हुए पानी में खड़े होकर पांच बार परिक्रमा किया जाता है | और सभी व्रती अपनी इच्छाओं की पूर्ति की प्रार्थना करते हैं |

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